प्यारी सी नाती
आज मेरे होठो पे फिर से,एक पुरानी धुन आयी है
नैनो में जो चेहरा है ये, लगता तेरी परछाई है
यादें फिर से ताज़ा हो गयी, जिन पे धुल ये घिर आयी है
आज मेरी बेटी के घर में, नन्ही सी बेटी आयी है
पच्चीस बरस गयी है पीछे, उम्र वो पल यूँ जी आयी है
जिस पल ये प्यारी सी नाती, गोद में आके मुस्काई है
वही अदा है वही हंसी है, वही आँख में सच्चाई है
जैसी तुम प्यारी थी बिटिया, बिटिया तुमने भी पायी है
ऐसी ही किलकारी होगी, खिल खिल कर वो हंसा करेगी
छोटे छोटे हाथ बढ़ा कर, पापा पापा कहा करेगी
और जरा फिर बड़ी हुई तो ठुमक ठुमक कर चला करेगी
पेरो में प्यार ये बंधे छम छम छम छम किया करेगी
कुछ बुद्धू सी कुछ समझी सी, कितनी बाटे किया करेगी
फिर वो अपने पापा के संग, कुछ नखरे भी किया करेगी
मम्मी की आवाज़ को सुन के, परदों में ये छुपा करेगी
और अचानक आगे आकर, फिर गोदी में चढ़ा करेगी
आज वही आँखों के आगे घड़ियाँ फिर से जी आयीं है
जिस पल मैंने देखा था की गुड़िया मेरी शर्मायी है
सखियों संग थी बातें हर पल, मासूम सी अंगड़ाई है
कलियों सी जो दिखती थी कल, फूल सरीखी खिल आयी है
देखो कैसी धूम मची है ऋतू खुशियों की आयी है
आज खङी बारात द्धार पर, दुल्हन बन कर तू आयी है
आज वही कानो में गुंजी, फिर शादी की शहनाई है
याद तेरी जो आयी विदाई, आँख मेरी फिर भर आयी है
पच्चीस बरस गयी है पीछे, उम्र वो पल यूँ जी आयी है
जिस पल ये प्यारी सी नाती, गोद में आके मुस्काई है
आज मेरे होठो पे फिर से,एक पुरानी धुन आयी है
नैनो में जो चेहरा है ये, लगता तेरी परछाई है
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