बात हमारी बन जाएगी

माना तुझको है प्यार नहीं
लगता हूँ अच्छा, इंकार नहीं
पर मेरे प्यार की बातों से ही
बात हमारी बन जाएगी

इन सर्दी की रातों में जब
ठंडी तुझको तड़पायेगी
मेरे प्यार की चादर लम्बी
तेरी मेरी कट जाएगी

माना नहीं  है सपने मेरे
फिर भी इस आगोश में मेरे
रातों में तू उठ कर रोए
ऐसी रात नहीं आएगी

मेरे प्यार को न चाह कर
फिर कितने दिन तू रह पाएंगी
एक ना एक दिन तेरी आँखे
प्यार है मुझको कह जाएँगी 

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