जाने दे ...


ज़िन्दगी कहाँ मिली है एकसार, जाने दे
क्या रखना इन बातो का हिसाब, जाने दे


मैं तो क़त्ल हो चुका हूँ तेरी आँखों से सुन
अब क्या रखना, ये रुख पे नकाब जाने दे

वक़्त अलग था जब, था मुझे तेरा इंतज़ार
क्यों करता हैं अब, तू मेरा ख्याल जाने दे

जानता है नहीं दे सकती मैं इसका जवाब
फिर क्या करना हर बार ये सवाल, जाने दे

कुछ जखम कभी नहीं भरते वक़्त के साथ भी 
क्यों छु कर करना है उन्हें और हरा, मत छु, जाने दे 

 हार निश्चित है तेरी इस खेल में फिर क्यों 
करती है उम्मीद बाजीगर होने की, जाने दे 

कब तलक ये दिल में गुबार रक्खेगी निधि 
आँसुओ का ये सैलाब अब निकल जाने दे 

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इत्र की शीशी का सरपोश उतर जाने दे
कैद खुशबू फ़िज़ा में बिखर जाने दे

मत रंग ये उम्र फिर काली  अपनी
ये तजुर्बा जरा बालो में सँवर जाने दे 

कहाँ ठहरा है बुरा वक़्त कभी कहीं
बेसब्र न हो, थम, इसे गुज़र जाने दे 

लहरों से हर पल टक्करायी हैं तू  
थकी है, रुक, दिशा पलट जाने दे 

ख़िज़ा में गर मुरझाया गुलिस्ता तो क्या
खिलेगा गुल, जरा मौसम बदल जाने दे

मुट्ठी में रेत सी है ये ज़िन्दगी यारा
खोल हथेली, इसे फिसल जाने दे

लूट ले तेरा साया भी जो तुझसे  निधि
मत ले छाँव वहां, ऐसा  शजर जाने दे

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बा दस्तूर ये जो पेशानी पे बैठी है तेरी
यार मेरे जरा मुस्कुरा, इसे उड़ जाने दे

वो निकला था दुनिया भ्रमण पे शौकिया
थक कर बोला, बस अब घर जाने दे

गल जाएगी तेरी कागज की कश्ती बाला
थोड़ा रुक तो, जरा बारिश थम जाने दे 

जो लुफ़्त-ए-इश्क़ उठाना है दिल अगर
मुहब्बत में डूब ऐसे के, जरा (अब)ये हो उड़ जाने  दे 

यहाँ टूटे बाल और नाखून घर में नहीं रखते
ये तो पूरी लाश है, मत रो, इसे अब  जाने दे 

करले दुश्मनो से  दोस्ताना अब तू भी निधि  
करदे तबाहा, ऐसी दोस्ती को बस जाने दे

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