Gazal- रुका वक़्त
Gazal- रुका वक़्त
वहीं पे वक़्त रुका, वो ही समा है अब तक
तेरे जाने का वो पल, ऐसे थमा है अब तक
नहीं मैं रोया हूं उस दिन से कभी तेरे लिए
मेरी आँखो मे वो मंज़र यू जमा है अब तक
बुझी सी जिंदगी सायो में भटकता हूँ मैं
तेरी यादों से ही महफ़िल में शमा है अब तक
चलूँ मैं कैसे बता, दुनिया, जमाने के संग
मेरा मन तुझमें ही ऐसा जो रमा है अब तक
नहीं है भूले मुझको याद वो करते हैं निधि
इसी एक बात का तो खुद पे गुमा है अब तक
~kavitaNidhi
हमें तो लूट लिया मिल के हुस्नवालों ने
12221 1222
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