Gazal- इश्क़ का नशा



इश्क़ का जो नशा ये चढ़ता है 

मुश्किलो से ये दिल संभलता है 


धुंध छट जाए तो दिखाई दे 

वर्ना हर शक्स तुझ सा लगता है 


प्यार की इस तरह खुमारी है

बे सबब दिल मेरा धड़कता है 


क्यों मैं चाहत में हूँ तेरी पागल 

प्यार पे जोर कहाँ चलता है 


जिस तरह मुझसे वो मिला है निधि 

दिल का दिल से कोई तो रिश्ता है

~kavitaNidhi


2122 1212 22


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