Na hoti


जिंदगी ये मेरी जिंदगी  होती, अगर मुझको तुझसे मोहब्बत न होती 

 होती ग़ज़ल कविता ये होती, जो मुझको मिली तेरी सोहबत  होती

ख्यालो में 'काशनहीं मेरे होता, इस दिल को कोई फिर उम्मीदें न होती 

यूँ हँसते मेरे इन लबो के कभी संग, ये आंखे मेरी ऐसे नम  तो न होती 


ख्यालो में 'काशनहीं मेरे होता, इस दिल में कोई फिर धड़कन न होती 

यूँ हँसते मेरे इन लबो के कभी संग, ये आंखे मेरी ऐसे नम भी न होती 


Comments

Popular posts from this blog

Kavita- मैं राम लिखूंगी

चाय

मन मेरा बेचैन है