तेरी अदाओ पे

 मेरे जज्बात इतने क्यो

,नए से आज लगते हैं

ये सोये थे कहीं पहले

जगे से आज लगते हैं


तुम्हारा पास आना भी

मेरी धड़कन बढ़ता है

इसी के शोर से शायद

ये मुझमें ख्वाब जगते हैं




 मुझको दोष देना तुम

या मुझे रोक देना तुम

मेरे हालात मेरे हाथ से

जो इस पल निकलते हैं


~ Kavita Nidhi 


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मेरे जज्बात छू कर यूं, वो देखो मुस्कुरायें है

मिरी आंखों में ये रंगीनकितने ख्वाब आए हैं

मैं जो महसूस करती हूं, ये मुझमे थे कहीं पहले 

या ये दिल के धड़कने से, अचानक दिल मे आएं है

~ Kavita Nidhi 



मेरे जज्बात छू कर यूं, वो देखो मुस्कुरायें है

मेरे ख्वाबो में कैसे ये नए एहसास आए हैं

मैं जो महसूस करती हूं, ये मुझमे थे कहीं पहले 

या ये दिल के धड़कने से, अचानक दिल मे आएं है

~ Kavita Nidhi 


 



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मेरी आँखों में कैसा ये सुनहरा ख्वाब आया है 

धड़कते दिल में मेरे एक नया एहसास आया है 


मैं खुद को प्यार करती थी, खुदी पे जान भरती थी

मुझे तेरी अदाओ पे, क्यों इतना प्यार आया है


नहीं है ये बुरा सौदा,कि तुझ पे दिल लुटाया है

मोहब्बत में तेरी खो कर ही मैंने खुद को पाया है

~ Kavita Nidhi 

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