अजीब खेल

 अजीब खेल


आओ चलो आज एक खेल खेलते हैं

खेला है तुमने भी इसे कई बार

एक छोटी सी रेखा खींचते हैं और 

मैं रेखा के इस पार और तुम उस पार

अब एक कदम चलना है रेखा की ओर 

सामने वाले के क़दमों को देख कर

अगर सामने वाले से पहले 

रेखा तक पहुँच गए तो हार हैं

और अगर पीछे रह गए तो भी हार है


इसलिए सामने वाले के हर कदम को

परख कर कदम बढ़ाना है

कभी कभी प्रतिद्वंदी या कहो सहभागी:

आगे बढ़ते बढ़तेपीछे हट जाते हैं।

जीतना है तो नज़र उनके हर एक कदम पर होनी चाहिए

और जैसा की मैंने कहा, यहाँ प्रतिद्वंदी,

सहभागी है आपकातो जरा मुस्कुराकर खेलो


जानते हैं इस खेल का नाम है?

रिश्ते। हां रिश्ते ही है इसका नाम

इन्हे निभाना है कदम से कदम मिलाना है

अगर आप रिश्ते में प्यार की रेखा के पास 

ज्यादा  गए तो खुद को हार जाएंगे

और कहीं पीछे रह गए तो अपनों को हार जाएंगे।


बड़ा मजेदार खेल है। सब खेलते हैं

पर माहिर कोई नहीं है।

~Kavita Nidhi 



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