गुरु
जीवन को रोशन करे, उगते सूरज की लाली।
ज्ञान गगरिया गुरु की, कभी न होती खाली।।
मन मस्तिष्क भटका रही, भयवाह रात ये काली।
बने दीप पथ दर्शाये, गुरु देव की वाणी ।।
सदा उत्साह वर्धन करे, दें कभी दंड कभी ताली।
कहाँ सही कहाँ गलत है, समझ बूझ दे सारी ।।
सींच सींच कर हरा करे, ज्यों मन उपवन को माली।
गुरुदेव की शिक्षाएं, हैं अमृत रस की प्याली ।।
चरणों में मैं नमन करूँ, हो नतमस्तक मुद्रा धारी।
देवों से पहले सदैव, हो गुरुजानो की बारी ।।
awesome Kavita Nidhi. Mindblowing
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