चाँद बनाम सूरज
तू चंदा है, अधूरा है
वो सूरज बनके पूरा है
वो खुद जलके करे रोशन
तभी तो वो सवेरा है
तेरे चमके सितारे हैं
तू क्यों रातों में ठहरा है
वो जो एकदम अकेला है
मगर फिर भी सुनहरा है
महाभारत के युद्ध सा ये
एक उत्तम नज़ारा है
अकेले कृष्ण थे भरी
वो जो कौरव की सेना है
तेरे साथी सितारे ना
मिटा पाए अँधेरा हैं
न तुझमे रौशनी तेरी
तभी आधा अधूरा है
वो जब आकाश में आये
तेरा साम्राज्य हिल जाये
है उसकी रौशनी ऐसी
अँधेरा सब ये सिमट जाये
वो तप करके बना काबिल
वो लगता लाल गहरा है
नया दिन ले के ये आये
वो जग का पालनहारा है
तू चंदा है, अधूरा है
वो सूरज बन के पूरा है
वो खुद जलके करे रोशन
तभी तो वो सवेरा है
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