प्यार के बोल- new

 


प्यार के बोल का प्यार ही मोल है

प्यार को तोल न प्यार अनमोल है

प्यार निशब्द है

प्यार ही गूंज है

प्यार की है जो भाषा वही मौन है


प्यार के इन्ही धागों से जख्म है सिला 

जिंदगी खिल गई प्यार जिसको मिला

प्यार ही हैं  दवा

प्यार ही तो दुआ

शून्य ही है ये जीवन इसके बिना


प्यार जो था सिया का वही राम है 

राम थे जो सिया के वही प्यार है 

प्यार निस्वार्थ है 

प्यार ही तीर्थ है 

कृष्ण राधा निभाए वही प्यार हैं 


प्यार से जीत लो प्यार में हार के 

कर लो हासिल इसे, अपना सब वार के 

प्यार में है खुदा

प्यार सब से जुदा

मर मिटा इसमें जो, है अमर जान ले


ना कोई शर्त हो,प्यार की शर्त है 

जिसको कहते खुदा,ये वही शब्द है 

प्यार आदि भी है

प्यार ही अंत है 

नाम जो भी लो तुम, प्यार ही अर्थ है




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