साड़ी सी मोहब्बत


               साड़ी सी मोहब्बत

सुनो तुम माँग तो रहे हो साड़ी सी मोहब्बत,

पर क्या मेरे प्यार के बदले इतना ही, 

परत दर परत गहरा मुझसे इश्क कर पाओगे?

या किसी कुर्ती से सहूलियत भरे रिश्ते पर ही सिमट जाओगे?


चलो मान लिया पसंद हूं मैं तुम्हें बहुत, 

मेरी बहुत सी बातें अच्छी लगती हैं तुम्हे।।

पर क्या पसंद से आगे बढ़ पाओगे?

क्या मेरी कमियों में भी मेरा साथ निभाओगे?


मुझे सिर्फ गहरा नहीं ठहरा हुआ प्यार चाहिए 

क्योंकि मेरे दिल की परतें साड़ी की प्लीट्स से भी ज्यादा है

क्या इनकी गिरहा खोल पाओगे? 

क्या तुम मेरे दिल की उन गहराईयों में उतर पाओगे? ~kavitaNidhi


मैं सहेज कर रखा हुआ प्यार तुम्हें दे तो दूं 

पर क्या तुम उसे वैसे ही रख पाओगे?

क्योंकि मैंने तो तुम्हें हमेशा सहूलियत से पैंट शर्ट पहनते ही देखा है 

तो फिर कैसे तुम नजाकत से संजोई मेरी मोहब्बत संभाल पाओगे? 


तो सोच लो मुझसे मेरी साड़ी सी मोहब्बत माँगने से पहले 

जानते भी इसे पाने का मतलब? 

जानते भी हो, इसे संभालना?

जब लगे हां, तो हक से ले लेना मेरी मोहब्बत इश्क करने को।

~kavitaNidhi

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