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Showing posts from April, 2020

ना तुमने कुछ कहा और ना मैंने

ना तुमने कुछ कहा और ना मैंने सब ख़ामोशी से हो गया याद है मुझे, तुमने चुपचाप बस ख़ामोशी से देखा था और मैंने बस नज़रो को झुका लिया था  तुमने मेरी गिरी किताब उठा ली थी और मेरी तरफ धीरे से बढ़ा दी थी मैंने संकोच में जल्दी से ले ली थी और फिर हलके से मुस्कुरा दी थी ना तुमने कुछ कहा था और ना मैंने  सब ख़ामोशी से हो गया  और, फिर कई बार दिखे थे तुम आते जाते कॉलेज में कई  जगह यूं ही मिल जाते कभी तुम देखते और मैं मुस्कुराती और कभी मैं देखती और तुम हंस देते लम्बा चला था ये सिलसिला इन मुलाकातों का बिन कहे  चुपचाप नज़रो से हुई इन बातों का कई बार तुमने मेरे मिसिंग नोट्स, डेस्क पर छोड़े थे और मैंने कई बार थैंक यू नोट, तुम्हारे लिए छोड़े थे ना  तुम कुछ कहते और ना  मैं सब ख़ामोशी से हो रहा था  याद है मेरे बीमार होने पर ,तुम कैसे परेशान हुए थे  पूरी रात हॉस्पिटल  के रूम के बहार खड़े रहे थे  सवेरा होते ही, परमिशन ले, रूम में मिलने आये थे चेहरे पे दर्द था, तब भी तुम कहाँ कुछ कह पाए थे...

मेरी याद तो आएगी

उठेगा एक तूफ़ान,  नज़र तेरी भी डब डबायेगी देख लेना तुझे भी कभी, मेरी याद तो आएगी चाहे भरलो तुम कितने भी रंग इस दिल में मेरे प्यार की लाली कभी तो इन होठो पे मुस्कराएगी देख लेना तुझे भी कभी, मेरी याद तो आएगी..... बड़ी बेफिक्री से जाते हो जिन महफ़िलो में अक्सर यही महफ़िलें मेरी याद भूलाने को खींच लाएंगी देख लेना इस कदर तुझे, मेरी याद जब आएगी.... ना होगा eye shadow , न तू ये eyeliner लगाएगी आँखों में काजल और हाथो में तू चूड़ियां खनकायेगी देख लेना तुझे जब भी कभी, मेरी याद आएगी..... जिनके ख्वाबो में खोयी है और कहती है जिन्हे अपना जब एक दिन उन्हें तेरी हर बात भूल जाएगी देख लेना तुझे उस दिन  मेरी याद तो आएगी.......

ज़िन्दगी एक कबड्डी

एक जमाना इस खेल को समझने में लगा है  ये ज़िन्दगी का सफर कुछ कबड्डी सा कटा है  जब भी मैंने इसे छूना चाहा  इसने मुझे कुछ ऐसे पटक दिया  और जब इसने मुझे छूना चाहा  तो मैंने इसे वैसे ही पटक दिया  एक जमाना इस खेल को समझने में लगा है  ये ज़िन्दगी का सफर कुछ कबड्डी सा कटा है  कभी मै ज़िन्दगी को  और कभी ये मुझको पटकती रही हैं  टक्कर बराबर की चल रही है  पर हार हर बार मुझे ही मिल रही है  सच,  एक जमाना इस खेल को समझने में लगा है  ये ज़िन्दगी का सफर कुछ कबड्डी सा कटा है  अब जाके समझ आया हैं ये खेल इसे कस के नहीं पकड़ना है  बस जाना है इसके पास  और इसे छु के निकलना है  खेल इतना मुश्किल भी न था, बस देर से समझा है  ज़िन्दगी का ये सफर कुछ कबड्डी सा कटा है 

सोचती हूँ अक्सर,

ये कौन बताता है क्या सही है और क्या नहीं they say, intelligent girls dolls  से नहीं खेलती  intelligent girls  makeup नहीं करती दिखती अच्छी है तो जरूर ये Bimbo ही होगी Boys से overfriendly तो character less होगी ये आखिर हैं कौन जो बताते हैं की क्या सही है और क्या नहीं इतनी  ambitious है तो अच्छी माँ क्या बनेगी खाना बनाना नहीं जानती घर क्या संभालेगी logical hai है तो फिर dominate ही करेगी और अगर कमाती  है तो किसी की नहीं सुनेगी अरे ये हैं कौन जो बताते है क्या सही है क्या नहीं कभी देखे हैं पेड़ो के पत्ते, my  सब  एक जैसे होते हैं  अलग रंगो और खुशबू के हों,  पर फूल तो  फूल ही होते है  उन्हें कोई नहीं बताता, किस  तरह का होना सही है और किस तरह नहीं  हम लड़किया भी कुछ ऐसी ही हैं   किसी भी तरह हो सकती हैं अलग स्वाभाव और अलग choices भी  रख सकती हैं  क्यों कोई बताये क़ि क्या सही है क्या नहीं  जरूरी नहीं है हर चीज़ को सही गलत में बांधना  क...

चाँद बनाम सूरज

तू चंदा है, अधूरा है वो सूरज बनके पूरा है  वो खुद जलके करे रोशन  तभी तो वो सवेरा है  तेरे चमके सितारे हैं  तू क्यों रातों में ठहरा है  वो जो एकदम अकेला है  मगर फिर भी सुनहरा है  महाभारत के युद्ध सा ये  एक उत्तम नज़ारा है  अकेले कृष्ण थे भरी  वो जो कौरव की सेना है  तेरे साथी सितारे ना  मिटा पाए अँधेरा हैं  न तुझमे रौशनी तेरी  तभी आधा अधूरा है  वो जब आकाश में आये  तेरा साम्राज्य हिल जाये  है उसकी रौशनी ऐसी  अँधेरा सब ये सिमट जाये  वो तप करके बना काबिल  वो लगता लाल गहरा है  नया दिन ले के ये आये  वो जग का पालनहारा है  तू चंदा है, अधूरा है  वो सूरज बन के पूरा है वो खुद जलके करे रोशन  तभी तो वो सवेरा है 

तूफ़ान उठना चाहिए

सीने की इस आग से सूरज पिंघलना चाहिए दिल में जज़्बा है अगर तूफ़ान उठना चाहिए लड़ रहें हैं हर कदम , बांध के सर पे कफ़न  जीत का सेहरा कभी तो सर पे होना चाहिए  इस जमी पे दर्द के सैलाब उठने हैं लगें आसमां के दिल में भी अब दर्द होना चाहिए रात काली इतनी लम्बी चाँद भी डूबा लगे रात को अब चीर कर सूरज निकलना चाहिए  मिल नहीं सकती है माफ़ी, बस महज़ कह देने से गलतियां होती है माना, एहसास होना चाहिए और कितनी है सजा अब, ये बता मुझको खुदा  इंसान तो इंसान है, तुझको समझना चाहिए चिंगारियों से अब सुनो, होगा  कुछ हासिल नहीं जोश का इस दिल में अब शोला भड़कना चाहिंए सौ दिशा में दौड़ें  हम जो, भीड़ से हो जायेंगे है जीतना तो, हर कदम अब साथ चलना चाहियें  क्रोध भी अब कब तलक, धैर्य का पर्वत रहे बन के एक ज्वालामुखी, लावा निकलना चाहिए युद्ध की नीति नहीं ये, पीठ पीछे वार कर युद्ध है तो, युद्ध का एलान होना चाहिए ———— डूबती नैया को यारो, एक किनारा चाहिए  स्याह काली रात को बस एक सितारा चाहिए  तेरी  ख़ुशी के वास्ते, हैं द...

तेरे आने से

                      तेरे आने से   ख्वाब तेरे सोये रहते हैं इन पलकों के आँचल में जैसे चाँद छुपा बैठा हो उस काळे से बादल में दुनिया मेरी सजती है अब, तेरी मीठी बातों से जैसे चिड़िया बोल रही है, इस टहनी की कोटर से मंद पवन में धीरे धीरे, पत्ते हैं कंपन करते जैसे तेरे छू लेने से, बढ़ती धड़कन सीने में धूप छाँव से जीवन में, तुम आये ख़ुशियाँ बनके जैसे पहली साँस चली हो, एक नन्हे से जीवन में सुबह सवेरे सर्दी में हो,सूरज की कोमल किरने हसी लबो की खिली खिली,निखर गयी तुमसे मिलके तुम दिन में तुम रातोँ में , तुम  हर पल में सब लम्हो में, मैँ भूल गयी हूँ खुद को ही, तुम ही रहते हो अब मुझमे तेरी नज़रों से ही अक्सर, हम तो अब खुद को देखें काजल बिंदी कँगन लाली, अब भूल गएँ हम आईने ~ Kavita nidhi

यूहीं किस्से नहीं बनते

महोब्बत में नहीं होती हमेशा एक सी रातें कभी बहार हैं बरसातें, कभी अंदर हैं बरसातें तेरे आगोश में गुज़री थी  जाने कितनी ही रातें तेरे ही ख्वाब पे हँसते, तेरे ही ख्वाब पे रोतें कभी अंदाज  न मिलते, कभी अल्फ़ाज़ न मिलते ना कह पाती हैं आवाज़े, जो कह जाते हैं सन्नाटे   मैं अपनी धड़कनो को मिलके तुमसे थाम लेती हूँ  जो तुम सुनलेते  इसको, मेरे दिल के राज खुल जाते  चले जाऒ जो कह देते, बिना पूछे चले जाते तेरे खामोश लब मुझको ना यु बेचैन कर जाते ये दुनिया जान कर भी हम अनजाने ही रह जाते ना खुद को ढूंढ पाते हम, जो तुम हमको ना ठुकराते तेरी गुमसुम सी आँखों को बता कैसे समझ पाते तू जो आवाज दे देता कहीं से भी चले आते कभी जब मोड़ से गुजरे, तेरे उस घर के ही आगे कोई आदत पुरानी सी, कदम अक्सर हैं रुक जाते मुक्कमल गीत न बनते, अधूरा प्यार न करते तेरे इस इश्क़ में खुद को जो हम बर्बाद न करते जो टूटे दिल को अपने दर्द से आबाद न करते तेरी मेरी मोहब्बत के यूहीं किस्से नहीं बनते   Kahan koi mukammal prem ke kabhi geet gata hai adhoora rah gaya ...