दोस्ती

                      दोस्ती

बड़ा मुश्किल है तुमसे दोस्तों पे कुछ भी लिख पाना

नहीं मुनकिन है हर जज़्बात को अल्फाज़ दे पाना


वो जो आवाज सुनके मेरे दिल का हाल पढ़ते हैं 

मेरे दिल में है वोआसां नहीं लफ्जो में कह पाना


वो मुझसे कह रहे हैं दोस्ती पे कुछ तो लिख दूँ मैं 

मैं लिख भी दूँ तो मुश्किल है मेरा उनको सुना पाना 


चलो मैं कह भी देती हूँ तो मुश्किल ये इन्हे होगा 

बिना गाली के मेरी इतनी मीठी बात सुन पाना 


~Kavita Nidhi






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