Muktak- बचपन वाले दोस्त
समझदारी से रिश्ते बस निभते हैं, दिल जुड़ते नहीं
तभी तो बचपन वाले दोस्त फिर कभी मिलते नहीं
समझदारी से तो रिश्ते बस निभाए जाते हैं, दिल से जुड़ते नहीं
तभी तो बचपन की नासमझी वाले दोस्त फिर कभी मिलते नहीं
~kavitaNidhi
लगता था रिश्ते बनाने सिख लेंगे जब हम बड़े और समझदार होंगे
नहीं पता था बचपन की नासमझी में बने दोस्त ही बस दमदार होंगे
Comments
Post a Comment