Chod andhiyara
छोड़ अँधियारा सभी आज उजाला करके
दिल को छू ले जो तेरे गीतों का वादा करके
आएंगे मिलने को हम तुमसे अभी शाम ढले
तुम भी चले आना यहाँ कोई बहाना करके
छोड़ अँधियारा सभी आज उजाला करके
बैठे हैं आज यहाँ हम तेरी रहें तकते
इस तरह इंतज़ार तेरा करू देर तलक
तुम भी चले आना यहाँ कोई बहाना करके
बासुरी सी मैं बजूं लग के अधरों से तेरे
बहूँ संगीत सी मैं जो तेरी ऊँगली थिरके
छोड़ न जाना मुझे तुम यूं बेगाना करके
अपने इस प्यार में मीरा सा दीवाना करके
तुझमे ही खोयी हूँ और तुझमे ही उलझी हूँ मैं
इस तरह प्यार में तप के तेरे झुलसी हूँ मैं
मेरी धरकन को छु लो तुम, मन मेरा सुलझा भी दो
मुझे बंध जाओ तुम, खुद को उलझा भी दो
एक लगन खुद में भी लौ सी कोई सुलगा करके
अपने हाथो से आके मुझको जरा सुलझा दे
बांध बंधन में मुझे खुद को भी तू उलझा दे
वार्ना तू खुद को भी मुझमे ही अब तो उलझा दे
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