अलमारी

मैं जब भी खोलती हूँ यूँ तेरे कपड़ो की अलमारी 

भरी पाती हूँ मैं तेरी कई यादों से अलमारी 


तुझे मैं याद करती हूँ जो तुझसे दूर होती हूँ 

तेरी एक शर्ट को बाँहों में लेके झूम जाती हूँ 

तेरा एहसास पाती हूँ तुझे महसूस करती हूँ 

न जाने कितने जज्बातों को रख्खे है ये अलमारी 

मैं जब भी खोलती हूँ यूँ तेरे कपड़ो की अलमारी। .. 


तेरी जैकेट बुला एक सर्द सी वो रात लाती है 

तेरी खुशबू थी जिसमे ये वही सौगात लाती है  

बस एक तू था और एक मैं थी वही एक पल जगती है 

न जाने कितनी बातों को सहेजे है ये अलमारी 

मैं जब भी खोलती हूँ यूँ तेरे कपड़ो की अलमारी। .. 


हैं कुछ रंगीन लम्हो सी यहाँ लटकी तेरी  टाई 

जो पहली बार मिलने आये थे पहने ब्लू टाई 

लगा आकाश सी विस्तृत, समुन्दर की  है गहराई 

तेरे हर रंग को खुद में समेटे है ये अलमारी 

मैं जब भी खोलती हूँ यूँ तेरे कपड़ो की अलमारी। .. 


रुकी तेरी घड़ी ड्रॉर में, दिल में ठहरी घड़ियों सी  

तेरे संग प्यार में बीते हैं उन सुखदुख के लम्हो सी 

जो बाकि साथ जीने हैं उन्ही सुन्दर से सपनो सी 

सभी एक साथ ले आती है आँखों में ये अलमारी 

मैं जब भी खोलती हूँ यूँ तेरे कपड़ो की अलमारी। .. 


यहाँ हर शय में तू बसता, यहाँ हर चीज़ में तू है

तू इसमें इस तरह शामिल की इनके बीच में तू हैं 

हर एक तय में है तू लिपटा हर एक सिलवट में भी तू है 

तेरी खुशबू से भर देती मेरी साँसों को अलमारी 

मैं जब भी खोलती हूँ यूँ तेरे कपड़ो की अलमारी। .. 









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