ख्वाबो के बटन

 

हर सुबह कुछ टूटे  हटा कर, 

ज़िन्दगी के कुर्ते में,हौसलों के धागो से,

 नए और रंगीन ख्वाबो के बटन टाँकती हूँ 


देखो ना इस कुर्ते को तुम, 

कुछ मटमैला हो गया है चलो आज जाने दो, 

कल थोड़ा इसे और भी साफ़ धो कर डालती हूँ 


पता नहीं क्यों कच्चे से हो गए हैं, 

ये हौसलों के धागे ,ख्वाबो के कुछ बटन 

गिरकर खो ही जाते है, चाहे कितना मजबूती से बांधती हूँ 


सुनो तुम संभाल के रखना ये 

टूटे ख्वाबो के बटन उमीदों की जेब में, 

ढूंढ रही हूँ धागों के छोर, बस जरा थोड़ी सी मोहलत मांगती हूँ 


ज़िन्दगी के सफ़ेद धुले इस कुर्ते की 

जतन से एक एक कर हर सिलवट निकलती हूँ, 

बड़े प्यार से हर दिन इसे अपने इन हाथो से सवारती हूँ 


और हर एक सुबह कुछ टूटे हटा कर,

उमीदो की सुई में हौसलों के धागे डाल  इस कुर्ते में 

फिर से नए और रंगीन ख्वाबो के कुछ और बटन टाँकती हूँ 







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