आवाज़

आवाज़

उसमें गीत है, उसमें झंकार
और है किसी मॆं एक सधा फनकार
मुझमें क्या है? सोचती हूँ हर बार
मुझमें हूंक है, मुझमें है आवाज
वो आवाज़ जो आती है दिल से
और लेती है शब्दो का आकार
वाक्य बनकर, भावनाओं मैं ढल कर
बदल सकती है ये संसार
.........
यारों! सुनो मेरी एक बात
तुम भी अगर सुन पाओ
अपने इस दिल की आवाज़
कर पाओगे तुम भी
अपना हर सपना साकार
….
उठो , फिर क्यो है?
ये अनभिज्ञता ख़ुद से
पहचानो अपने वो ख्वाब
आओ …. और आज दे ही दो
अपने दिल की आवाज़ को आवाज़
अपने दिल की, आवाज़ को आवाज़.

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