ग़ज़ल..... जाने वालो से
जाने वालो से यूँ दिल नही मैला करते
थे जो कभी अपने उनसे नहीं रूठा करते
थे जो कभी अपने उनसे नहीं रूठा करते
इतनी बातो में कुछ मीठी सी यादे भी तो हैं
सुलगी चिंगारियों से दिल नही रोशन करते
जिन्दगी का ये सफर एक राह हम साथ चले
आशना थे जो कभी उनको नहीं तगाफुल करते
यादों को सहेजे रखना तो अलग बात है मगर
बीते उन लम्हों मॆं फ़साने नही खोजा करतें..
गिले तो वक्त को भी हम से कुछ रहें होंगें
गुजरे हुए वक्त से नही इस कदर शिकवे करतें…
अब जो बिछुड़े हैं तो के मुलाकात भी ना हो
अलविदा कहके यूँ मुँह नही मोड़ा करतें…
जाने वालो से यूँ दिल नही मैला करते ….
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