शिक़वे






शिक़वे  बताने से रह गए
किस्से सुनाने से रह गए 
मुलाकातें तो बहुत हुई 
पर दिल अनजाने से रह गए             

जब भी तेरे साथ हुई 
कहा सुनी बहुत हुई 
तुम वो सुन न पाए 
जो हम बताने से रह गए 

वक़्त ने कई जख्म 
भरे है मगर 
फिर भी कुछ दर्द 
पुराने से रह गए 

हम बस दूरियां 
मिटने में रह गए 
फासले बरक़रार रहे 
और हम बेगाने से रह गए 

ये लो छुट्टी भी चली गई 
फुर्सत के लम्हे भी चले गए 
आज फिर एक इतवार 
हम साथ मनाने से रह गए 

शिक़वे बताने से रह गए 
किस्से सुनाने से रह गए। . 
   

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