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Showing posts from September, 2021

एक ख्वाब खुली आँखों से

Meri nas nas me behta hai , Mujhme hi  ye rehta hai  Ek jajba jo Mera ab, Junoon sa ban betha hai    आँखों में  दहकते शोले , मेरे दिल में है बेचैनी  एक ख्वाब खुली आँखों से, मैंने भी अभी देखा है  Ek khwab ujale  me bhi Meri ankho me hota hai  तितली सी फड़कती हैं मेरी धड़कनो में अक्सर  मेरा नाम लिखा है फलक पे, khwabo me ye dekha hai Mera naam likha ye phalak  pe mere khwabo me hota hai.  मेरी सांसे मचल उठती है, तुम ये न समझ पाओगे  इस आग में जलने का भी अपना ही मज़ा होता है  Is aag me jal Jane ka apna hi maza hota hai 

ना शिक़वा न शिकायत

ना शिक़वा न शिकायत वो बस मुस्कुरा रहें हैं  दिल जानता है कि वो हमसे  दूर जा रहें हैं  दिल रखलो तुम हमारा,  झूठ ही का  रूठ जाओ  देखो न तुमको आज हम, फिर से मना रहें हैं  शिक़वो का भी एक दौर, बीता है दरमियान जो  लगता था तब कि  हमको, क्यों वो सता  रहें हैं  क्या है घुटन में जीना, ये हमको समझ में आया   अब लड़ रहे हैं उनसे हम, वो बस मुस्कुरा रहे हैं   दिल ये  समझ गया है अब ,कि  वो दूर हो गए हैं   कुछ बिन कहे वो हमसे धीरे से जा रहे हैं  क्यों की नहीं थी कोशिश, सुनने की तुमको तब  बीते हुए उस कल पर,हम  आज पछता  रहे हैं  
टूट कर कभी कोई पत्ता हरा नहीं होता जो पेड़ काट दिया जाये वो खड़ा नहीं होता  ये रिश्तो का लिहाज है जो हम करते हैं  फकत कोई उम्र से ही बड़ा नहीं होता  टूट कर कोई पत्ता कभी हरा नहीं होता  काट दिया गया पेड़ फिर खड़ा नही होता  ये रिश्तो का लिहाज है जो हम करते हैं  फकत कोई उम्र से ही बस बड़ा नहीं होता 
कुछ तो अपने वजूद का असर छोड़ जायेंगे  तेरे अंदाज़ को हम कुछ तो बदल जायेंगे  हम वो चीज़ नहीं की नजर अंदाज कर दो हमे  कितनी भी चुराना नज़रे, तेरे दिल में उतर जायेंगे